सूत्रों के अनुसार, महंत कृष्णदास और उनके सहयोगियों द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार किया गया तथा किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया गया। महंत कृष्णदास एवं उनके सहयोगियों की आपराधिक पृष्ठभूमि होने की भी जानकारी सामने आई है।
इस घटना के पश्चात, दिनांक 6 नवम्बर 2023 को वाहन को छुड़ाने के उद्देश्य से कुछ राजनीतिक तत्वों एवं बाहरी व्यक्तियों ने स्थानीय लोगों को भड़काने का प्रयास किया। इस दौरान वन अमले के विरुद्ध निलंबन एवं स्थानांतरण की मांग उठाई गई और झूठी एफआईआर दर्ज कराने की कोशिशें की गईं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 6 नवम्बर को किरण मंदिर पर हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए, जहाँ कुछ असामाजिक तत्वों ने इस मुद्दे को धार्मिक स्वरूप देने का प्रयास किया। वन विभाग के विरुद्ध झूठे आरोप लगाते हुए लोगों को भड़काया गया।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि संबंधित मंदिर क्षेत्र संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहाँ किसी प्रकार का अवैध निर्माण या अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके, कुछ लोग निजी स्वार्थ हेतु मंदिर की आड़ में निर्माण कार्य प्रारंभ करने का प्रयास कर रहे हैं।
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अवैध रेत परिवहन के विरुद्ध कार्रवाई नियमानुसार की गई है, और किसी भी दबाव या राजनीतिक हस्तक्षेप के बावजूद विभाग अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।


