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बिहार में 'डिजिटल धर्म' की रक्षा: साइबर लैब से मिलेगी 'आध्यात्मिक' सुरक्षा? High-tech Cyber Labs Bihar
सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की राजधानी पटना और राजगीर में जल्द ही दो हाईटेक साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित होने वाली हैं, जो तेजी से बढ़ते डिजिटल अपराधों के खिलाफ एक मजबूत ढाल का काम करेंगी।
यह कदम न केवल आम जनता के लिए बल्कि खास तौर पर उन 'बॉलीवुड' हस्तियों और 'फिल्म' निर्माताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिनकी डिजिटल उपस्थिति बड़ी होती है और वे अक्सर साइबर हमलों का निशाना बन जाते हैं।
सरकार का यह प्रयास डिजिटल साक्ष्यों की वैज्ञानिक और सटीक जांच सुनिश्चित करेगा, जिससे किसी भी 'अभिनेता' या 'अभिनेत्री' के निजी डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं कम होंगी।
ये अत्याधुनिक लैब, जिन्हें वर्तमान में सीआईडी के फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के साथ मिलकर संचालित किया जाएगा, 'सिनेमा' जगत की डिजिटल संपत्ति को सुरक्षित रखने में भी अप्रत्यक्ष रूप से सहायता कर सकती हैं, जहां गोपनीय स्क्रिप्ट और मार्केटिंग रणनीतियाँ साइबर अपराधियों के निशाने पर रहती हैं।
यह सुनिश्चित करेगा कि 'बॉलीवुड' के चमकते सितारों की डिजिटल दुनिया भी सुरक्षित रहे।
गुजरात की प्रतिष्ठित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) को इस महत्वपूर्ण परियोजना में कंसल्टेंट के रूप में नियुक्त किया गया है।
यह संस्था, जो डिजिटल फॉरेंसिक में देश की अग्रणी है, इन प्रयोगशालाओं की स्थापना में तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगी।
एनएफएसयू की एक विशेषज्ञ टीम जल्द ही बिहार का दौरा करेगी, ताकि सीआईडी मुख्यालय के साथ समन्वय स्थापित कर इन अत्याधुनिक सुविधाओं को अंतिम रूप दिया जा सके।
यह पहल दिखाती है कि कैसे राज्य सरकार नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके डिजिटल युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे डिजिटल दुनिया में सभी को एक सुरक्षित 'फिल्म' अनुभव मिल सके।
- पटना और राजगीर में खुलेंगी दो नई हाईटेक साइबर फॉरेंसिक लैब।
- ये लैब 'बॉलीवुड' और 'फिल्म' उद्योग की डिजिटल सुरक्षा मजबूत करेंगी।
- एनएफएसयू गांधीनगर तकनीकी विशेषज्ञता और परामर्श प्रदान करेगा।
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Posted on 19 November 2025 | Stay updated with सत्यालेख.com for more news.
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