अमेरिकी डॉलर के आगे रुपये का गिरना: भारतीय वित्त मार्केट में क्या है हलचल? Indian Rupee Weakens Against Dollar

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अमेरिकी डॉलर के आगे रुपये का गिरना: भारतीय वित्त मार्केट में क्या है हलचल? Indian Rupee Weakens Against Dollar

सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर पड़ा, जहां यह छह पैसे टूटकर 88.72 प्रति डॉलर पर आ गया।

अमेरिकी डॉलर में आई मजबूती और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी ने भारतीय मुद्रा पर दबाव बढ़ाया है, जिससे घरेलू वित्त मार्केट में थोड़ी हलचल देखने को मिली है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि रुपया 88.70 प्रति डॉलर पर खुला था, जो जल्द ही 88.72 के स्तर पर पहुंच गया, यह शुक्रवार के बंद भाव 88.66 से एक स्पष्ट गिरावट दर्शाता है।

यह स्थिति वैश्विक आर्थिक कारकों के प्रति भारतीय अर्थव्यवस्था की संवेदनशीलता को उजागर करती है।

हालांकि, भारतीय शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने रुपये में तेज गिरावट को काफी हद तक नियंत्रित किया।

घरेलू शेयर मार्केट में सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 212.98 अंक या 0.25 प्रतिशत चढ़कर 84,775.76 अंक पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी भी 50.90 अंक या 0.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,960.95 अंक पर कारोबार कर रहा था।

यह दर्शाता है कि भारतीय निवेशक अभी भी घरेलू उद्योग में निवेश को लेकर आशावादी हैं।

दूसरी ओर, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.15 प्रतिशत बढ़कर 99.35 पर पहुंच गया, जिससे रुपये पर और दबाव बना।

अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.84 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जिसने कुछ राहत प्रदान की।

कुल मिलाकर, विदेशी पूंजी के लगातार बाहर निकलने और मजबूत डॉलर के बावजूद, भारतीय वित्तीय बाजार लचीलापन दिखा रहा है।

घरेलू शेयर बाजारों में तेजी और कच्चे तेल की गिरती कीमतें रुपये को और अधिक कमजोर होने से रोक रही हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

यह स्थिति व्यापार और उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्थिर मुद्रा विनिमय दरें आयात-निर्यात को प्रभावित करती हैं और निवेश धारणा को मजबूत करती हैं।

  • रुपया शुरुआती कारोबार में 6 पैसे टूटकर 88.72 प्रति डॉलर पर आया।
  • अमेरिकी डॉलर की मजबूती और विदेशी पूंजी निकासी गिरावट का मुख्य कारण।
  • घरेलू शेयर बाजार की तेजी और कच्चे तेल की कम कीमत ने गिरावट को थामा।

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Posted on 18 November 2025 | Check सत्यालेख.com for more coverage.

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