शहरी विकास और विरासत: लखनऊ को यूनेस्को मान्यता क्या कहती है? Lucknow Unesco Gastronomy Debate

0

Policy buzz:

शहरी विकास और विरासत: लखनऊ को यूनेस्को मान्यता क्या कहती है? Lucknow Unesco Gastronomy Debate news image

शहरी विकास और विरासत: लखनऊ को यूनेस्को मान्यता क्या कहती है? Lucknow Unesco Gastronomy Debate

लखनऊ में, 31 अक्टूबर 2025 को यूनेस्को द्वारा 'सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' के रूप में मिली मान्यता ने शहरी विकास की राजनीति और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर नई बहस छेड़ दी है।

सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, उज्बेकिस्तान के समरकंद में यूनेस्को महासभा के 43वें सत्र में हुई यह घोषणा, लखनऊ की समृद्ध अवधी खान-पान संस्कृति, जिसमें माखन-मलाई जैसे व्यंजन शामिल हैं, को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाती है।

यह हैदराबाद के बाद भारत का दूसरा शहर है जिसे यह प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त हुआ है, जो स्थानीय नेताओं और प्रशासन की दूरदर्शिता को दर्शाता है।

यह सम्मान शहर की पाक-कला परंपराओं, स्ट्रीट फूड संस्कृति और खाद्य प्रथाओं के प्रति समर्पण का प्रतीक है, और अब लखनऊ दुनिया भर में यह खिताब पाने वाले 69 शहरों में से एक बन गया है।

इनमें से 21 एशिया में स्थित हैं।

यह उपलब्धि न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी, जिसका सीधा असर आने वाले चुनावों में जनता के बीच सरकार की छवि पर पड़ सकता है।

इस प्रकार की वैश्विक पहचान प्राप्त करने के लिए किए गए प्रयास अक्सर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्राथमिकताओं और नीतियों को दर्शाते हैं।

चाहे केंद्र में बीजेपी की सरकार हो या राज्यों में कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन, शहरी पहचान और विकास एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

जिस दिन यह खबर आई, उस समय शहर के विकास की गति और विरासत के संरक्षण पर एक व्यापक चर्चा चल रही थी।

मुंबई के फ्लोरा फाउंटेन जैसे ऐतिहासिक स्थलों के समीप से गुजरने वाली भूमिगत मेट्रो का उदाहरण भी इस बहस को बल देता है।

यह दिखाता है कि कैसे एक शहर अपने अतीत को मजबूती से थामे हुए भी तीव्र गति से आधुनिक परिवहन और सुविधाएं जोड़कर भविष्य की ओर बढ़ सकता है।

मरीन ड्राइव का क्वीन्स नेकलेस के रूप में विख्यात होना भी इसी शहरी नियोजन का प्रमाण है।

इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन अक्सर ठोस राजनीतिक इच्छाशक्ति और दूरगामी योजनाओं का परिणाम होता है, जो शहरों को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

ऐसे विकास कार्य अक्सर स्थानीय और राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में रहते हैं, क्योंकि वे नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता और भविष्य की दिशा को सीधे प्रभावित करते हैं।

  • लखनऊ को 31 अक्टूबर 2025 को यूनेस्को 'सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' घोषित किया गया।
  • यह सम्मान शहरी विकास और विरासत संरक्षण की राजनीति को दर्शाता है।
  • वैश्विक पहचान से पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

Related: Bollywood Highlights


Posted on 22 November 2025 | Stay updated with सत्यालेख.com for more news.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
/*-- Don't show description on the item page --*/
To Top