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क्या बिहार राजनीति में नीतीश कुमार का विकल्प असंभव? मुख्यमंत्री का दसवां शपथ. Nitish Kumar Bihar Political Power
सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार ने अपनी ऐसी गहरी पैठ बना ली है कि उनके सियासी विरोधियों के लिए उनका विकल्प ढूंढना लगभग असंभव सा प्रतीत होता है।
बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 20 नवंबर 2025 को उन्होंने 10वीं बार शपथ ग्रहण कर एक नया ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है।
यह अभूतपूर्व जनादेश इस बात का प्रमाण है कि बिहार के जागरूक मतदाता अभी भी भ्रष्टाचार के आरोपों से बेदाग, सुशासन पसंद और राजनीतिक परिवारवाद के धुर विरोधी नीतीश कुमार के नेतृत्व पर ही भरोसा करते हैं।
यह तथ्य स्पष्ट करता है कि नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में एक ऐसी बड़ी लकीर खींच दी है, जिसे छोटा करना उनके सियासी प्रतिद्वंद्वियों के लिए कतई आसान नहीं है।
उनकी राजनीतिक यात्रा लचीले गठबंधनों और व्यावहारिकता का एक बेहतरीन उदाहरण रही है, जहाँ उन्होंने अपनी सुविधा और राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए कई बार बीजेपी और महागठबंधन जैसे विभिन्न राजनीतिक धड़ों के साथ हाथ मिलाया है।
विभिन्न चुनावों में उनकी लगातार सफलता दर्शाती है कि वे जनता की नब्ज को बखूबी समझते हैं।
नेता के तौर पर उनकी छवि साफ़-सुथरी और विकास-उन्मुख रही है, जिसने उन्हें बिहार में एक अजेय राजनीतिक शक्ति बना दिया है।
भले ही देश में अन्य राजनीतिक दल जैसे कांग्रेस भी अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन बिहार में नीतीश कुमार का प्रभाव कम होता नहीं दिख रहा है।
उनकी यह राजनीतिक कुशलता और जनता के बीच गहरी पैठ ही उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री पद का स्वाभाविक दावेदार बनाए रखती है।
आने वाले समय में भी बिहार की राजनीति में उनका वर्चस्व एक महत्वपूर्ण विषय बना रहेगा, और यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके विरोधी इस अजेय किले को भेदने के लिए कौन सी नई रणनीति अपनाते हैं।
- नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 10वीं बार शपथ ली, एक नया रिकॉर्ड।
- भ्रष्टाचार मुक्त छवि और सुशासन पसंद मतदाताओं की पहली पसंद बने हुए हैं।
- लचीली गठबंधन राजनीति और व्यावहारिकता उनकी सफलता का मूल मंत्र है।
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Posted on 25 November 2025 | Keep reading सत्यालेख.com for news updates.
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