सुप्रीम कोर्ट ने PoS निविदा रद्द कर हिमाचल के वित्त प्रबंधन पर मुहर लगाई Himachal Epos Supreme Court Ruling

0

Stock spotlight:

सुप्रीम कोर्ट ने PoS निविदा रद्द कर हिमाचल के वित्त प्रबंधन पर मुहर लगाई Himachal Epos Supreme Court Ruling news image

सुप्रीम कोर्ट ने PoS निविदा रद्द कर हिमाचल के वित्त प्रबंधन पर मुहर लगाई Himachal Epos Supreme Court Ruling

सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में उचित मूल्य वाली दुकानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट-ऑफ-सेल (ई-पीओएस) उपकरणों की खरीद से जुड़े एक अहम विवाद में, उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार के विवादित निविदा को रद्द करने के फैसले को सही ठहराया है।

यह निर्णय न केवल राज्य के वित्त प्रबंधन में सरकार के अधिकार को मजबूत करता है, बल्कि सार्वजनिक खरीद से जुड़े उद्योग में पारदर्शिता और प्रशासनिक विवेक के महत्व को भी रेखांकित करता है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत द्वारा अपने पदभार संभालने के बाद सुनाया गया यह पहला फैसला है, जिसमें अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को निजी कंपनी ओएसिस साइबरनेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में जारी आशय पत्र (एलओआई) वापस लेने का पूरा अधिकार था।

शीर्ष अदालत ने मई, 2024 के हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एलओआई को बहाल कर दिया गया था।

उच्चतम न्यायालय ने इस पूरे मामले को दो मुख्य बिन्दुओं पर केंद्रित बताया: पहला, क्या 2 सितंबर, 2022 को जारी एलओआई कंपनी के पक्ष में कोई बाध्यकारी अधिकार पैदा करता है, और दूसरा, क्या इसे रद्द करने का राज्य का निर्णय मनमाना था या प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध था।

पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि एलओआई किसी भी स्थिति में एक पूर्ण अनुबंध में परिवर्तित नहीं हुआ था।

अतः, 6 जून, 2023 को इसे रद्द किया जाना ‘प्रशासनिक विवेक का वैध उपयोग’ था और इसमें हस्तक्षेप का कोई औचित्य नहीं था।

यह फैसला सरकार की निविदा प्रक्रिया में विवेकपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता पर मुहर लगाता है, जिससे सरकारी निवेश और परियोजनाओं का प्रभावी ढंग से संचालन सुनिश्चित होता है।

यह ऐतिहासिक निर्णय उन सभी कंपनियों के लिए एक स्पष्ट संदेश देता है जो सरकारी परियोजनाओं में निवेश करने की योजना बना रही हैं कि आशय पत्र हमेशा अंतिम करार नहीं होते और उन पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहा जा सकता।

यह फैसला भविष्य में सरकारी खरीद और विभिन्न उद्योग क्षेत्रों से संबंधित विवादों के समाधान में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम करेगा, जिससे पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।

यह भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए भी एक संकेत है कि सरकारी अनुबंधों में जोखिम का मूल्यांकन महत्वपूर्ण है।

  • सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल PoS निविदा रद्द करने के सरकार के फैसले को सही ठहराया।
  • राज्य सरकार को निजी कंपनी को जारी LOI वापस लेने का पूरा अधिकार था।
  • यह निर्णय सरकारी वित्त और उद्योग में प्रशासनिक विवेक व पारदर्शिता को बल देता है।

Related: Education Updates | Top Cricket Updates


Posted on 26 November 2025 | Follow सत्यालेख.com for the latest updates.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
/*-- Don't show description on the item page --*/
To Top