बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस की हार ने कैसे उजागर किए महागठबंधन के कमजोर बिंदु? Nda Sweeps Bihar Election

0

India today:

बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस की हार ने कैसे उजागर किए महागठबंधन के कमजोर बिंदु? Nda Sweeps Bihar Election news image

बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस की हार ने कैसे उजागर किए महागठबंधन के कमजोर बिंदु? Nda Sweeps Bihar Election

बिहार में, सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम विपक्षी महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका साबित हुए हैं, जहां कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।

सत्तारूढ़ एनडीए ने भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है, जबकि महागठबंधन लगभग 40-50 सीटों पर सिमटता दिख रहा है।

इस करारी हार का सबसे बड़ा खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा है, जो 2020 में जीती गई 19 सीटों के मुकाबले इस बार मुश्किल से 2-4 सीटें ही जीत पाई है।

राष्ट्रीय स्तर पर अपना खोया वर्चस्व वापस पाने का सपना देख रही कांग्रेस के लिए ये नतीजे किसी राजनीतिक सदमे से कम नहीं हैं।

महागठबंधन की इस शर्मनाक पराजय के पीछे कई मुख्य कारण रहे, जिनमें सबसे प्रमुख उसके घटकों के बीच तालमेल की कमी रही।

कांग्रेस को इस बार 70 के मुकाबले 61 सीटें मिलीं, लेकिन इन सीटों में भी एकता नहीं दिखी।

कम से कम 9 सीटों पर कांग्रेस के अलावा आरजेडी या वाम दलों ने भी अपने उम्मीदवार उतार दिए, जिससे वोटों का बिखराव हुआ और एनडीए को सीधा लाभ मिला।

यह भारत के चुनावी परिदृश्य में गठबंधन धर्म की अनदेखी का एक स्पष्ट उदाहरण है।

इसके अतिरिक्त, सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय तक चला गतिरोध और महागठबंधन के भीतर एक स्पष्ट और सर्वमान्य नेतृत्व का अभाव भी हार का एक प्रमुख कारण रहा।

मतदाताओं के बीच यह संदेश गया कि गठबंधन एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ रहा है।

कांग्रेस के कई उम्मीदवारों के प्रति मतदाताओं में पहले से ही एक तरह की एंटी-इनकम्बेंसी भी काम कर रही थी, जिसका खामियाजा पूरे देश में पार्टी को भुगतना पड़ रहा है।

एनडीए की रणनीति और प्रधानमंत्री के प्रभावी प्रचार ने मतदाताओं को आकर्षित किया, जबकि महागठबंधन एक cohesive नैरेटिव स्थापित करने में विफल रहा।

इस परिणाम ने आगामी चुनावों के लिए देश की राजनीति में गठबंधन के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या कमजोर गठबंधन भारतीय सरकार के गठन में प्रभावी भूमिका निभा पाएगा।

  • कांग्रेस को बिहार में 2020 की 19 सीटों से घटकर 2-4 सीटें ही मिलीं।
  • महागठबंधन में आपसी तालमेल की कमी और 9 सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' से वोटों का बिखराव हुआ।
  • यह हार राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और गठबंधन की रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

Related: Education Updates | Health Tips


Posted on 16 November 2025 | Keep reading सत्यालेख.com for news updates.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
/*-- Don't show description on the item page --*/
To Top