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IMEI छेड़छाड़ अब गैर-जमानती: स्मार्टफोन यूजर्स जानें ये तकनीक नियम! Imei Tampering Serious Offense
सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके तहत मोबाइल फोन के 15 अंकों वाले आईएमईआई (IMEI) नंबर में किसी भी तरह की छेड़छाड़ को एक गंभीर गैर-जमानती अपराध घोषित किया गया है।
यह नया प्रावधान स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं और गैजेट निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण मायने रखता है, क्योंकि इसके उल्लंघन पर अधिकतम तीन साल की कैद और 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना, या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
यह कदम देश में तकनीक सुरक्षा को मजबूत करने और डिजिटल फ्रॉड पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल निर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों और विक्रेताओं को जारी परामर्श में इन नए कानूनी प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
यह कड़ी कार्रवाई दूरसंचार अधिनियम 2023 और टेलीकॉम साइबर सुरक्षा नियम 2024 के तहत लागू की जाएगी, जो देश में इंटरनेट और मोबाइल उपकरणों के उपयोग को विनियमित करने के लिए बनाए गए हैं।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत, आईएमईआई नंबर सहित दूरसंचार पहचान से जुड़ी किसी भी चीज़ को छेड़छाड़ करना दंडनीय है।
यह सिर्फ छेड़छाड़ करने वाले पर ही नहीं, बल्कि उन व्यक्तियों पर भी लागू होता है जो जानबूझकर छेड़छाड़ किए गए दूरसंचार पहचान वाले मोबाइल हैंडसेट, मॉडेम, मॉड्यूल, सिम बॉक्स जैसे किसी भी रेडियो उपकरण को अपने पास रखते हैं या उनका उपयोग करते हैं।
यह पहल मोबाइल तकनीक के क्षेत्र में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई है, जिससे चोरी हुए या अवैध रूप से प्राप्त स्मार्टफोन का उपयोग करना मुश्किल हो जाएगा।
यह एक सशक्त कदम है जो भारत में डिजिटल इकोसिस्टम की अखंडता को बनाए रखने में मदद करेगा और उपयोगकर्ताओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगा।
- IMEI छेड़छाड़ अब एक गैर-जमानती अपराध माना जाएगा।
- दोषी को 3 साल तक की जेल और 50 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
- यह कार्रवाई दूरसंचार अधिनियम 2023 और साइबर सुरक्षा नियम 2024 के तहत लागू होगी।
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Posted on 19 November 2025 | Visit सत्यालेख.com for more stories.
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