क्या संसद का शीतकालीन सत्र भारतीय राजनीति में नया मानक स्थापित करेगा? Parliament Session Key Opportunity

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क्या संसद का शीतकालीन सत्र भारतीय राजनीति में नया मानक स्थापित करेगा? Parliament Session Key Opportunity

सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय संसद का आगामी शीतकालीन सत्र, जो 1 दिसंबर 2025 से शुरू होने वाला है, देश की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है।

इस सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष से अपेक्षा है कि वे अपने पिछले नकारात्मक अनुभवों से सीखकर सकारात्मक वातावरण स्थापित करें, ताकि जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस हो सके।

फ्रांसीसी दार्शनिक वॉल्टेयर ने कभी लोकतंत्र में विचारों की स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए कहा था कि वे असहमत होते हुए भी किसी के विचार रखने के अधिकार का बचाव करेंगे।

हालांकि, आज की भारतीय राजनीति में यह आदर्श कई बार धूमिल होता दिख रहा है, जहाँ संसद के भीतर और बाहर भी लोकतांत्रिक आचरण का पतन चिंता का विषय बन गया है।

उच्च और निम्न सदनों में लगातार सामने आती अनुशासनहीनता की घटनाएं गलत मिसालें पेश कर रही हैं, जिससे अब प्रशासनिक और न्यायिक सख्ती की आवश्यकता महसूस हो रही है।

राजनीतिक आचार संहिता भी अब पक्षपातपूर्ण लगने लगी है, जिससे वॉल्टेयर के सिद्धांतों से पूरी तरह सहमत हो पाना कठिन हो गया है।

आगामी सत्र में सभी नेताओं से यह उम्मीद की जाती है कि वे व्यक्तिगत राजनीतिक प्रतिस्पर्धा से ऊपर उठकर राष्ट्रहित को प्राथमिकता देंगे।

यह समझना आवश्यक है कि राजनीति का क्रम तो चलता रहेगा, लेकिन इस प्रक्रिया में देश के महत्वपूर्ण मुद्दों, जैसे आर्थिक सुधार, सामाजिक न्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर चर्चा अनिवार्य है।

संसद को केवल एक बहस का मंच नहीं बल्कि नीतियों के निर्माण और समस्याओं के समाधान का केंद्र बने रहना चाहिए।

बीजेपी और कांग्रेस सहित सभी प्रमुख दल इस बात पर ध्यान दें कि संसद का गौरव बनाए रखना उनकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए भी, संसद में रचनात्मक संवाद देश के लिए अधिक हितकारी होगा।

यदि यह सत्र एक नया सकारात्मक मानदंड स्थापित करता है, तो यह भारतीय लोकतंत्र की मजबूती में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और आगामी समय में नेता और जनता दोनों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

  • संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर 2025 से शुरू होगा, सकारात्मक माहौल की उम्मीद।
  • सत्ता पक्ष और विपक्ष को जनहित के मुद्दों पर स्वस्थ बहस करनी चाहिए।
  • लोकतांत्रिक आचरण सुधारने और राजनीतिक मर्यादा बनाए रखने की अपील।

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Posted on 27 November 2025 | Keep reading सत्यालेख.com for news updates.

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