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अंतरराष्ट्रीय प्रत्यर्पण: मेहुल चोकसी पर बेल्जियम का फैसला, क्या लौटेगा भारत? Mehul Choksi Extradition Final Stage
बेल्जियम से आई सत्यालेख की रिपोर्ट के अनुसार, 13,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने की कानूनी कार्यवाही अपने अंतिम पड़ाव पर है।
अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञों की निगाहें अब बेल्जियम के सर्वोच्च न्यायालय पर टिकी हैं, जो 9 दिसंबर को इस महत्वपूर्ण अपील पर अपना अंतिम फैसला सुनाने वाला है।
भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई को पूरी उम्मीद है कि यह फैसला उनके पक्ष में आएगा, जिससे मेहुल चोकसी को जल्द ही विदेश से भारत वापस लाया जा सकेगा।
यह मामला काफी समय से विश्व पटल पर भारत की प्रत्यर्पण नीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण बना हुआ है।
एंटवर्प की निचली अदालत ने पहले ही चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी, जिसके खिलाफ चोकसी ने बेल्जियम के सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।
सीबीआई ने इस ग्लोबल कानूनी लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी है और बेल्जियम की अदालत में चोकसी के खिलाफ प्रभावी ढंग से बहस करने के लिए एक मजबूत कानूनी टीम को नियुक्त किया है।
यदि अपील खारिज होती है, तो भारतीय एजेंसियां अपील खारिज होने के एक सप्ताह के भीतर, या संभवतः एक या दो दिन में, चोकसी को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू करने का प्रयास करेंगी।
यह घटनाक्रम भारत सरकार के वित्तीय अपराधियों को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार से वापस लाने के संकल्प को दर्शाता है।
मेहुल चोकसी का मामला संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के बीच प्रत्यर्पण संधियों और कानूनी सहयोग के महत्व को भी उजागर करता है।
इस फैसले का प्रभाव न केवल भारत में, बल्कि विश्व भर में आर्थिक भगोड़ों के खिलाफ चल रहे मुकदमों पर भी पड़ेगा, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम होगी।
- बेल्जियम का सर्वोच्च न्यायालय 9 दिसंबर को मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला देगा।
- सीबीआई को चोकसी के भारत लौटने की पूरी उम्मीद, कानूनी प्रक्रिया अंतिम चरण में।
- यह मामला भारत की प्रत्यर्पण नीतियों और अंतरराष्ट्रीय कानूनी सहयोग का महत्वपूर्ण परीक्षण है।
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Posted on 28 November 2025 | Keep reading सत्यालेख.com for news updates.
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